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world food programme

  ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’  ( World Food Programme-WFP )  एक अग्रणी मानवीय संगठन है जो आपात स्थिति में लोगों के जीवन को बचाने और परिवर्तित हेतु  खाद्य सहायता प्रदान करता है यह पोषण स्तर में सुधार करने और लचीलापन लाने हेतु समुदायों के साथ मिलकर कार्य करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1961 में  ‘ खाद्य एवं कृषि संगठन ’  (Food and Agriculture Organization- FAO) तथा   ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’   (United Nations General Assembly-UNGA) द्वारा अपने मुख्यालय रोम, इटली में की गई थी। यह  संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समूह  (UNSDG)  का सदस्य भी है, जो  सतत् विकास लक्ष्यों   ( Sustainable Development Goals- SDGs)  को पूरा करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों एवं संगठनों का एक गठबंधन है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय वर्ष 2030 तक भुखमरी को समाप्त करने, खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने एवं पोषण में सुधार करने हेतु प्रतिबद्ध है। डब्ल्यूएफपी 88 देशों की सहायता करता है और वर्ष 2019 में इसने 97 मिलियन लोगों की सहायता की है जो कि वर्ष 2012 के बाद से सबसे बड़ी संख्या है। उद्देश्य डब्ल्यूएफपी आपातकालीन सहायता के साथ-साथ
  भारत और चीन के बीच सीमा विवाद से संबंधित वार्ताओं की विफलता के बाद लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के मध्य गतिरोध अभी भी बना हुआ है। इसके अतिरिक्त चीनी प्रशासन ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो राजनयिक समाधान के प्रयासों/संभावनाओं को खतरे में डाल सकते हैं।  हालाँकि भारत की सरकार और सशस्त्र बल यह स्पष्ट करते रहे हैं कि वे भारत की संप्रभुता तथा अखंडता की रक्षा के लिये हर संभव कदम उठाएंगे, इसके अतिरिक्त भारत को विदेश नीति के मोर्चे पर भी उपलब्ध संभावित विकल्पों की तलाश करनी चाहिये। विदेश नीति के मोर्चे पर भारत ने  क्वाड  सुरक्षा समूह (जिसे चीन "एशियाई नाटो" के रूप में संदर्भित करता है) में भागीदारी की इच्छा व्यक्त की है। हालाँकि चीन का मुकाबला करने के लिये एक औपचारिक सैन्य दल के रूप में इस समूह को स्थापित करने के मामले में क्वाड देशों में भारी अनिश्चितता देखी गई है।  अतः इस स्थिति में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण है कि चीन का मुकाबला करने के लिये भारत वैकल्पिक राजनयिक और सैन्य विकल्पों को खोजे। इसका एक व्यवहार्य विकल्प ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित करना हो सकता है। पृष्ठभूमि